डिजिटल सिग्नेचर एक मैथमेटिकल तकनीक है जो मैसेज, सॉफ्टवेयर या डिजिटल डॉक्यूमेंट की ऑथेंटिसिटी और इंटीग्रिटी को वेलिडेट करता है।Digital Signature हाथ से लिखा हुआ सिग्नेचर या स्टेम्प सील के बराबर होता हैं, लेकिन यह डिजिटल कम्युनिकेशन्स में छेड़छाड़ और प्रतिरूपण की समस्या को हल करता है। इसलिए डिजिटल सिग्नेचर ज्यादा फायदेमंद हैं | वर्तमान में राजस्थान सरकार ने समस्त DDO को अपने वेतन बिलों पर जनवरी से डिजिटल सिग्नेचर करने का आदेश जारी किया हैं |Digital Signature इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट, ट्रैन्ज़ैक्शन या मैसेज के ओरिजिन, पहचान और स्थिति के प्रमाण का अतिरिक्त आश्वासन प्रदान करता हैं, साथ ही साइनर (हस्ताक्षर कर्ता) द्वारा सूचित सहमती स्वीकार कर सकते हैं।वैसे तो आप Signatures को अपने जीवन में जगह जगह में इस्तेमाल करते हैं. Signature अर्थात हस्ताक्षर ये हमारी सहमति की निशानी है. यदि कहीं हम अपने signature लिख रहे हैं तब इसका मतलब होता है की हम उस चीज़ से अपनी सहमति जाहिर कर रहे हैं . जैसे की किसी Bank के check book में, या फिर किसी सरकारी दस्तावेज में जहाँ हमारी सहमति हो वहां हम अपना Signature लिखते हैं | भारत सहित कई देशों में, हाथ से साइन किए डॉक्यूमेंट जितना ही डिजिटल सिग्नेचर का कानूनी महत्व है। लेकिन क्या कभी आपने ये सोचा है की ये Signatures को भी फर्जी किया जा सकता है. ऐसे बहुत से लोग हैं जो की किसी भी Signature की हूबहू नकल कर सकते हैं. अब यहाँ थोड़ी डरने की बात है क्योंकि अगर ऐसे फर्जी Signatures से हमारी कठिन परिश्रम से कमाई गयी पैसे कोई लुट लेगा तो ये वाकई डरने वाली बात है. लेकिन अब आप घबराये नहीं क्योंकि अब हम Physical Signature के बदले Digital Signature का इस्तेमाल शुरू कर चुके हैं. जिससे की ऐसी फिरोती का काम नामुमकिन सा है. ये Digital Signature क्या है और Digital Signature कैसे बनाये |
Digital Signature क्या है (What is Digital Signature)
यह एक ऐसी technique है जिससे हम किसी भी की दस्तावेज की सच्चाई जान सकते हैं. इसके हम ये पता लगा सकते हैं की वह document कितना Authentic या Genuine है.
Digital Signature को कुछ इस प्रकार बनाया गया है जिससे की यदि किसी तरह की tampering (छेड़छाड़) किया गया हो तब उसे आसानी से पहचान जा सकता है. इससे उस electronic दस्तावेज की उत्पत्ति, identity और स्टेटस की सठिक जानकारी प्राप्त होती है.
एक valid Digital Signature हमें ये भरोसा प्रदान करता है की भेजे गए documents जाने पहचाने Sender ने ही भेजा है, ये इस बात की पुष्टि करता है. और इस बात से वह sender भी मुंह नहीं मोड़ सकता. Digital Signature एक standard elements है बहुत सरे Cryptographic Protocol Suites के लिए और इनका इस्तेमाल Software Distribution, Financial Transaction और Contract Management Software जैसे कई जगहों में होता है जिससे की बड़ी आसानी से forgery को पकड़ा जा सकता है.
Digital Signature कैसे बनाये और कैसे काम करता है
Digital Signature का अर्थ:
डिजिटल सिग्नेचर एक क्रिप्टोग्राफिक वैल्यू है जो डेटा से कैलकुलेट की जाती है और एक सिक्रेट Keys जिसे केवल साइनर (हस्ताक्षर कर्ता) द्वारा ही जाना जाता है।
डिजिटल सिग्नेचर कैसे काम करता हैं ?
डिजिटल सिग्नेचर ई- सिग्नेचर प्रोग्राम के अधिकांश घटक में से हैं, और वे इलेक्ट्रॉनिक साइनिंग मेथड का उपयोग करते समय सेक्युरिटी, लिगल वैलिडिटी और रिकॉर्ड मैनेजमेंट एफिशिएंसी का पालन करते हैं।
जब लीज एग्रीमेंट्स, कोर्ट के मामले और एम्प्लॉयमेंट कॉन्ट्रैक्ट के कान्फिडेन्शल डॉक्यूमेंट को साइन करने कि बात आती हैं, और व्यक्तियों को यह सुनिश्चित करना होता है कि वे यथासंभव सुरक्षित हैं, तब Digital Signatures का इस्तेमाल किया जाता हैं।
डिजिटल सिग्नेचर इतने महत्वपूर्ण क्यों ? (Why Digital Signatures is Important?)
यहां तीन महत्वपूर्ण कारण हैं कि Digital Signatures बहुत महत्वपूर्ण हैं:
- I) Message authentication:
- ii) Cut costs:
इससे न केवल प्रिंटिंग की कीमत कम हो जाएंगी, बल्कि कान्फिडेन्शल फ़ाइलों की वास्तविक प्रोक्युरमेंट और प्रोसेसिंग से संबंधित खर्च भी कम होंगे।
यह पर्यावरणीय कचरे को कम करने में भी मदद करता है, क्योंकि आप डॉक्यूमेंट को भेजने के लिए कुरियर मेल का उपयोग नहीं कर रहे हैं।
Iii) Improve Digital Workflow And Save Time:
कभी-कभी डॉक्यूमेंट प्राप्त करने के लिए कई दिन लग जाते हैं। डिजिटल सिग्नेचर से डॉक्यूमेंट कभी भी कही भी तुरंत भेजे जा सकते हैं। इससे काफी समय बचता है।
What is a Digital Signature Certificate (DSC)?
Digital Signature एक सिग्नेचर का इलेक्ट्रॉनिक रूप है| ठीक उसी प्रकार से जैसे किसी डॉक्यूमेंट को हाथ से किए गए सिग्नेचर प्रमाणित करते हैं, वैसे ही डिजिटल सिग्नेचर इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट को प्रमाणित करते हैं।
Digital Signature Certificate (DSC) को इलेक्ट्रॉनिक रूप से पहचान साबित करने के लिए, इंटरनेट पर सर्विस एक्सेस करने या डिजिटल डयॉक्यूमेंटस् पर डिजिटल साइन करने के लिए प्रस्तुत किया जा सकता है।
Digital Signature Certificate (DSC) ऑनलाइन ट्रैन्ज़ैक्शन्ज़ में हो रहे इन्फार्मेशन एक्सचेंज को हाई लेवल सिक्योरिटी प्रोवाइड करता हैं।
DSC में यूजर की पहचान (नाम, पिन कोड, देश, ईमेल एड्रेस, सर्टिफिकेट जारी किए जाने की तारीख और प्रमाणित प्राधिकारी का नाम) के बारे में जानकारी शामिल होती है।
Digital Signature Certificate (DSC) की आवश्यकता कहां पर होती हैं?
- DDO द्वारा वेतन बिल बनाने में
- इनकम टैक्स रिटर्न के E-filling के लिए।
- कंपनी इनकॉर्पोशन के E-filling के लिए।
- चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, कंपनी सेक्रेटरी और कॉस्ट एकाउंटेंट्स द्वारा ई E-Attestation के लिए।
- गवर्नमेंट टेंडर के E-filling के लिए।
- ट्रेडमार्क और कापीराइट एप्लीकेशन के E-filling के लिए।
- एग्रीमेंट्स और कौन्ट्रैंक्ट के ई-साइनिंग के लिए।
डिजिटल सिग्नेचर कैसे प्राप्त कर सकते हैं?
(How Can One Get Digital Signature?)
लाइसेंस प्राप्त Certifying Authority (CA) डिजिटल सिग्नेचर जारी करते है। CA का अर्थ उस व्यक्ति से है, जिसे सेक्शन 24 के इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजीज एक्ट, के तहत डिजिटल सिग्नेचर जारी करने के लिए लाइसेंस दिया गया है।
CA से DSC जारी होने के लिए एक दिन से एक सप्ताह तक टाइम लग सकता हैं।
हर प्रोवाइडर की फीस आम तौर पर भिन्न होती है, और वे एक या दो साल की वैलिडिटी के साथ जारी की जाते है।
आप सीधे व सरल तरीके से हमारे अधिकृत एजेंट से भी प्राप्त कर सकते हैं जिसके लिए निचे दिए कोंटेक्ट फॉर्म में अपनी जानकारी भरें |
डिजिटल सिग्नेचर के प्रकार : (Classes Of Digital Signature )
डिजिटल सिग्नेचर के विभिन्न क्लासेस हैं:
- I) Class I DSC:
- ii) Class II DSC:
यह बिजनेस और प्राइवेट व्यक्ती को जारी किया जाता हैं।
iii) Class III DSC:
यह DSC सटिफाइ ऑथेरिटी (CA) द्वारा सीधे जारी किया जाता है और ऑथेंटिसिटी के हाई लेवल को इंडिकेट करता है, क्योंकि इसे पाने के लिए ऐप्लीकंट को पंजीकरण प्राधिकरण के सामने खुद को पेश करने और अपनी पहचान साबित करने की आवश्यकता है।
What is the legal Validity of Digital Signature Certificate (DSC’s)?
डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण पत्र (डीएससी) की कानूनी वैधता क्या है?
इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजीज एक्ट 2000 के अनुसार, डिजिटल सिग्नेचर भारत में मान्य हैं और सूचना इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजीज मिनिस्ट्री के तहत लाइसेंस प्रमाणित अधिकारियों द्वारा जारी किए जाते हैं।
इस वैलिडेशन के अलावा, डिजिटल सिग्नेचर की एक स्पष्ट स्टार्ट डेट और एक्सपाइरी डेट होती है।
एक्सपाइरी डेट का उपयोग Certificate Revocation List (CRL) को मैनेज करने के लिए भी किया जाता है। एक्सपाइरी की तारीख आने पर सर्टिफिकेट को revocation लिस्ट से हटा दिया जाता है।
डिजिटल सिग्नेचर कैसे काम करते हैं? (How Digital Signatures Work?)
1) सिग्नेचर को अप्लाई करना –
- I) जब आप “साइन” पर क्लिक करते हैं, तो डॉक्यूमेंट का एक यूनिक डिजिटल फिंगरप्रिंट (जिसे है कहा जाता है) एक मैथमेटिकल एल्गोरिथम का उपयोग कर बनाया जाता है।
- ii) है साइनर की प्राइवेट key का उपयोग कर एन्क्रिप्ट किया जाता है। एन्क्रिप्टेड है और साइनर कि पब्लिक key दोनों को डिजिटल सिग्नेचर में मिलाया जाता है, जिसे डयॉकूमेंट के साथ संलग्न किया जाता है।
2) सिग्नेचर को वेरीफाई करना-
- I) जब इस डॉक्यूमेंट को किसी डिजिटल सिग्नेचर कैपेबल प्रोग्राम (उदा., एडोब रीडर, माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस) में ओपन किया जाता हैं, तो वे प्रोग्राम ऑटोमेटिक साइनर की पब्लिक Key (जिसे डॉक्यूमेंट के साथ डिजिटल सिग्नेचर में शामिल किया था) का उपयोग कर डॉक्यूमेंट के है को डिक्रिप्ट करते है।
- ii) यह प्रोग्राम डॉक्यूमेंट के लिए नए है को कैलकुलेट करता हैं। अगर यह नया है डिक्रिप्टेड है से मेल खाता है, तो प्रोग्राम को यह पता चलता हैं कि डॉक्यूमेंट को बदला नहीं गया हैं और वह प्रोग्राम “The document has not been modified since this signature was applied” का मैसेज डिस्प्ले करता हैं।
एन्क्रिप्शन क्या है? एन्क्रिप्शन कैसे काम करता है?
Encryption केवल एक तरीका है जिससे आप डेटा चोरी रोक सकते हैं।
जैसे कि आजकल बिज़नेसेस और कंस्यूमर्स कि साइबर अपराधों में शिकार होने कि संख्या बढ़ रही हैं, एन्क्रिप्शन और टफ सेक्युरिटी की आवश्यकता हर समय होती हैं।
हालांकि, इन्फार्मेशन को एन्क्रिप्ट करने का तरीका निश्चित रूप से नया नहीं है। वास्तव में, क्रिप्टोग्राफ़ी प्राचीन काल से की जाती है, केवल एकमात्र अंतर यह है कि अब हम अपने डेटा को स्क्रैम्बल करने के लिए यूनिक एन्क्रिप्शन एल्गोरिथम बनाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस का उपयोग करते हैं।
इन दिनों आपको कई चीजों में एन्क्रिप्शन मिलेगा जो एक इंटरनेट कनेक्शन का इस्तेमाल करते हैं, मैसेजिंग ऐप और पर्सनल बैंकिंग एप्लीकेशन से लेकर वेबसाइट और ऑनलाइन पेमेंट मेथड आदि।
इससे यूजर को यह सुनिश्चित होने के लिए मदद मिलती हैं उनका डेटा चोरी नहीं हो सकता या Ransom ware में फिरौती के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
एन्क्रिप्शन का अर्थ:
Encryption Meaning: – एक सिक्रेट कोड में डेटा का ट्रांसलेशन।
Meaning Of EncryptedMeaning For Encryption: इन्फार्मेशन या डेटा को कोड में कन्वर्ट करना, विशेष रूप से अनधिकृत एक्सेस को रोकने के लिए।
एन्क्रिप्शन क्या है?
(What is encryption?)
अपने सबसे बेसिक फॉर्म में, एन्क्रिप्शन एन्कोडिंग, डेटा को एन्कोडिंग करने की प्रोसेस है, जिसमें डेटा को अस्पष्ट और स्क्रैम्बल किया जाता हैं।
कई मामलों में, डेटा को एन्क्रिप्ट करने के लिए एक key का इस्तेमाल किया जाता है, और जिनके पास वह key होती हैं, वही इसे ओपन कर सकते हैं।
एन्क्रिप्शन key एल्गोरिथम का कनेक्शन है, जो इसे पूरी तरह से यूनिक बनाते है।
यह key, डेटा को स्क्रैम्बल और अनस्क्रैम्बल करने के लिए सक्षम होती हैं, अनिवार्य रूप से इन्फार्मेशन को अनलॉक करने और इसे फिर से पढ़ा जा सकने योग्य बनाने के लिए।
आम तौर पर, वह व्यक्ति जो डेटा को एन्क्रिप्ट करता है, वह एक key को प्रोसेस करता हैं जो डेटा को लॉक करती हैं और डेटा को सही लोगों को पास करती हैं, जिनके पास इसका एक्सेस हैं। इस प्रोसेस को Public-Key Cryptography कहां जाता हैं।
Encryption एक प्रोसेस हैं, जिसमें इन्फार्मेशन को एल्गोरिथम का उपयोग कर अनधिकृत यूजर के लिए अनरिडेबल बनाया जाता हैं। यह cryptographic मेथड सेंसिटिव डेटा को प्रोटेक्ट करती हैं, जैसे कि क्रेडिट कार्ड नंबर को एन्कोडिंग और इन्फार्मेशन को अनरिडेबल सिफर टेक्स्ट में बदलकर।
यह एन्कोडेड डेटा केवल डिक्रिप्टेड या key से ही रिड किया जा सकता है। Symmetric-key और asymmetric-key यह दो प्राइमरी टाइप के एन्क्रिप्शन हैं।
Encryption इन्फार्मेशन को सुनिश्चित और विश्वसनीय डिलेवरी के आवश्यक हैं।
Data Encryption Meaning
Data encryption किसी अन्य फॉर्म या कोड में डेटा को ट्रांसलेट करता है, ताकि केवल एक सिक्रेट key (औपचारिक रूप से decryption key कहा जाता है) या पासवर्ड के एक्सेस वाले लोग ही इसे पढ़ सकें। एन्क्रिप्ट किए गए डेटा को आमतौर पर cipher text कहा जाता है, जबकि एन्क्रिप्टेड डेटा को plaintext कहा जाता है।
वर्तमान में, एन्क्रिप्शन ऑर्गनाइज़ेशन द्वारा उपयोग किए जाने वाले सबसे लोकप्रिय और प्रभावी डेटा सुरक्षा मेथड में से एक है। दो मुख्य प्रकार के डेटा एन्क्रिप्शन मौजूद हैं – asymmetric encryption, जिसे public-key encryption भी कहा जाता हैं और दूसरा टाइप symmetric encryption है।
डेटा एन्क्रिप्शन का उद्देश्य डिजिटल डेटा प्राइवेसी की रक्षा करना है क्योंकि यह कंप्यूटर सिस्टम पर स्टोर होता है और इंटरनेट या अन्य कंप्यूटर नेटवर्क का उपयोग करके ट्रांसमिट किया जाता है। पुराने डेटा एन्क्रिप्शन स्टैंडर्ड (DES) को आधुनिक एन्क्रिप्शन एल्गोरिथम द्वारा बदल दिया गया है जो आईटी सिस्टम और कम्यूनिकेशन की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
End To End Encryption Meaning
End-to-end encryption प्राइवेट और सुरक्षित रूप से ऑनलाइन कम्यूनिकेट करने का सबसे सुरक्षित तरीका है। वार्तालाप के दोनों एंड पर मैसेज एन्क्रिप्ट करके, एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन किसी को भी प्राइवेट कम्युनिकेशन्स को पढ़ने से रोकता है।
जब आप किसी व्यक्ति को ईमेल या मैसेज भेजने के लिए E2EE का उपयोग करते हैं, तो नेटवर्क की निगरानी करने वाला कोई भी व्यक्ति आपके मैसेज के कंटेंट नहीं देख सकता है – न कि हैकर्स, न सरकार, और न ही कंपनी (जैसे प्रोटॉनमेल) जो आपके कम्युनिकेशन्स की सुविधा देती है।
यह उस एन्क्रिप्शन से अलग है जो ज्यादातर कंपनियां पहले से ही उपयोग करती हैं, जो केवल आपके डिवाइस और कंपनी के सर्वर के बीच ट्रांसमिट में डेटा की सुरक्षा करता है। उदाहरण के लिए, जब आप किसी ऐसी सर्विस का उपयोग करके एक ईमेल भेजते और प्राप्त करते हैं जो E2EE प्रदान नहीं करती है, जैसे कि जीमेल या हॉटमेल, तो कंपनी के पास आपके मैसेज के कंटेंट के एक्सेस की क्षमता है क्योंकि वे एन्क्रिप्शन कुंजी भी रखती हैं। E2EE इस संभावना को समाप्त करता है क्योंकि सर्विस प्रोवाइडर वास्तव में डिक्रिप्शन कुंजी के अधिकारी नहीं है। इस वजह से, E2EE स्टैंडर्ड एन्क्रिप्शन की तुलना में बहुत मजबूत है।
एन्क्रिप्शन कैसे काम करता है?
(How Does Encryption Work?)
व्यवहार में, जब आप एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सर्विस (उदाहरण के लिए व्हाट्सएप) का उपयोग करते हुए एक मैसेज भेजते हैं, तो यह सर्विस मैसेज को कोड में बदल देता है, इसे स्क्रैम्बल करता है और एन्क्रिप्शन key बनाता है। इसके बाद इस मैसेज को केवल सही प्राप्त कर्ता ही अनलॉक कर सकता है।
Digital encryption बेहद जटिल है और यही कारण है कि इसे क्रैक करने के लिए मुश्किल माना जाता है। इसकी सुरक्षा को मजबूत करने के लिए, हर बार जब दो स्मार्टफोन एक-दूसरे के साथ कम्यूनिकेशन करना शुरू करते हैं, एन्क्रिप्शन एल्गोरिथम का एक नया सेट बनाया जाता है।
हो सकता है कि आपने end-to-end encryption के बारे में सुना हो, शायद आपको व्हाट्सएप पर एक नोटिफिकेशन प्राप्त हुई है कि वे अब इस प्रकार के एन्क्रिप्शन को सपोर्ट करते हैं।
एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन, एन्कोडिंग की प्रोसेस को रेफर करता है और कुछ इन्फार्मेशन को स्क्रैम्बल किया जाता है इसलिए केवल सेंडर या रिसिवर ही इसे देख सकते है।
एन्क्रिप्शन किज एक जोड़ी के रूप में काम कर सकती है, एक किज इन्फार्मेशन को लॉक करने के लिए और मल्टीपल (जो पास आउट होते है) एन्क्रिप्टेड इन्फार्मेशन को अनलॉक करने के लिए।
End-To-End Encryption में, केवल सेंडर और रिसिवर ही इस इन्फार्मेशन को अनलॉक और रिड कर सकते हैं। व्हाट्सएप में मैसेजेस एक सर्वर से पास होते हैं, लेकिन सर्वर इस मैसेज को रिड नहीं कर पाता।
ऊपर दिए गए इमेज से पता चलता है कि एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन कैसे काम करता है, कैसे एक व्यक्ति दूसरे को मैसेज भेजता है।
तो यह अंत-टू-एंड एन्क्रिप्शन है, लेकिन अन्य तरीकों के बारे में क्या?
एन्क्रिप्शन के प्रकार: (Types Of Encryption:)
एन्क्रिप्शन के दो मुख्य तरीके हैं जो किए जा सकते है: Symmetric और Asymmetric
जब हमने इन तरीकों पर पहले ही बात कर चुंके है, तो हम इन्हे अधिक डिटेल में जानेंगे।
1) Symmetric Encryption:
Symmetric Encryption में एन्क्रिप्ट और डिक्रिप्टिंग दोनों के लिए एक ही key (दोनों किज एक समान होती हैं) का इस्तेमाल होता हैं।
इसका मतलब कि दो या अधिक पार्टीज को एक ही key से एक्सेस होता हैं, जो कुछ के लिए एक बड़ा ड्रॉबैक है, भले ही मैथमेटिकल एल्गोरिथम डेटा को इस तरह से प्रोटेक्ट करते हैं कि इसे क्रैक करना बहुत अधिक असंभव है।
2) Asymmetric Encryption:
इसके विपरीत, Asymmetric Encryption मेथड में keys की एक जोड़ी का उपयोग किया जाता हैं: एक डेटा एन्क्रिप्ट करने और दूसरी डिक्रिप्ट करने के लिए।
Private key को ओनर द्वारा सिक्रेट रखा जाता है और public key को अधिकृत प्राप्त कर्ताओं के साथ शेयर किया जाता है या बड़े पैमाने पर जनता को उपलब्ध कराया जाता है।
केवल वही व्यक्ती जिसके पास कि यह Private key इसके public key से मैच करती हैं, वह डेटा को एक्सेस कर सकता हैं और इसे डिक्रिप्ट कर सकता हैं।
एन्क्रिप्शन के लाभ :- ( Benefits of Encryption )
एन्क्रिप्शन का प्राथमिक उद्देश्य कंप्यूटर सिस्टम पर स्टोर डिजिटल डेटा की गोपनीयता की रक्षा करना है या इंटरनेट या किसी अन्य कंप्यूटर नेटवर्क के माध्यम से सुरक्षित ट्रांसमिट करना है।
1) Protect Data Completely:पूरी तरह से डेटा को सुरक्षित रखें:
एक पूर्ण एन्क्रिप्शन सोल्यूशन बिजनेस और उनके ओनर को मन की शांति प्रदान करता है, क्योंकि यह डेटा को प्रोटेक्ट करता है।
जब आर्गेनाईजेशन के नेटवर्क पर बाहर से डेटा एक्सेस करना अधिक कठिन बना सकता हैं, लेकिन नेटवर्क हैक होने पर केवल डेटा एन्क्रिप्शन ही उसे सेफ रख सकता हैं।
सही एन्क्रिप्शन सोल्युशन के साथ, आप हर दिन जान सकते हैं कि आपका डेटा सुरक्षित है और ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे हेकर्स आपके डेटा को अपने हाथ लगा सकते हैं।
2) Security across Multiple Devices:हाल के वर्षों में स्मार्टफोन और अन्य मोबाइल डिवाइसेस कि लोकप्रियता के साथ, कई कंपनियों ने स्टोर डेटा को संभावित चोरी से सुरक्षित रखने और इन डिवाइसेस से पास करने के लिए एक समाधान खोजने के लिए संघर्ष किया गया है।
सौभाग्य से, डेटा एन्क्रिप्शन सॉफ्टवेयर आपको यह सुनिश्चित करने में मदद करता हैं कि किसी भी डिवाइस में सभी डेटा पूरी तरह से एन्क्रिप्ट किया गया हैं।
3) Move Data Securely:ट्रांसपोर्ट प्रोसेस के दौरान डेटा सबसे कमजोर पहलुओं में से एक होता है। जबकि SSL/TLS डेटा के मोशन के लिए इंडस्ट्री स्टैंडर्ड है, इसमें आपके डेटा सिक्योरिटी के लिए कई नुकसान हैं। एक प्रभावी एन्क्रिप्शन सोल्युशन यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि डेटा मूव होते समय सुरक्षित हो। फ़ाइलें जो क्लाउड सिस्टम पर शेयर या अपलोड की जाती हैं, वह एन्क्रिप्ट होती हैं।
डिजिटल सिग्नेचर प्राप्त करने के लिए DDO के निम्न दस्तावेज आवश्यक हैं :-
- DDO के आधार कार्ड की प्रति
- DDO के PAN CARD की प्रति
- DDO का मोबाइल नम्बर
- DDO की वैध ई मेल ID
अगर आप हमारे द्वारा सिग्नेचर प्राप्त की प्रोसेस संपन्न करवाना चाहते है तो निम्न सॉफ्टवेयर आप अपने कंप्यूटर में डाउनलोड कर लेवे